देहरादून:
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत अपात्र लाभार्थियों पर अब सरकार की नजर सख्त हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस योजना के तहत आवंटित ईडब्ल्यूएस आवासों के पुनः सत्यापन के निर्देश देते हुए स्पष्ट कहा कि अब केवल वास्तविक पात्रों को ही योजना का लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने सचिवालय में आवास विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि जिन लोगों ने गलत दस्तावेजों या अनुचित माध्यमों से इस योजना का लाभ लिया है, उनकी पहचान कर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि भविष्य में सभी आवास आवंटन पात्रता की गहन जांच के बाद ही किए जाएं।
बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न नगरों के मास्टर प्लान, जल संरक्षण, वृक्षारोपण, ग्रीन बिल्डिंग मानकों, और वाटर हार्वेस्टिंग को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने, भवन नक्शे समयबद्ध पास करने, और निर्माण कार्यों को नियमों के अनुरूप सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
राज्य के दोनों मंडलों में एक-एक नया शहर विकसित करने की योजना पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्हें स्प्रिचुअल ज़ोन के रूप में भी विकसित किया जाए, ताकि धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से यह शहर उदाहरण बनें।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में शहरी क्षेत्रों की आवासीय आवश्यकताओं का वैज्ञानिक आकलन किया जाए और सभी वर्गों के लिए आवास की योजनाएं तैयार की जाएं। उन्होंने भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों के पुनर्विकास और भूमि के समुचित उपयोग की कार्ययोजना पर भी बल दिया।
प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने जानकारी दी कि आवास विभाग वर्तमान में 8 गेम चेंजर योजनाओं पर कार्य कर रहा है, जो प्रदेश के शहरी एवं आवास विकास को नई दिशा देंगे।
इस अवसर पर बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, प्रमुख सचिव आवास आर. मीनाक्षी सुंदरम, अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी, सीपीपीजीजी के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनोज पंत समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।